Thursday, July 1, 2010

काबुलीवाला


जेब में जादू का दीया और बाती
मिन्नी की मटकती आँखें
और काबुलीवाले का जादू...

गलती से बड़ी हुई मिन्नी
काबुलीवाले ने घुमाई छडी
छोटी बन गई मिन्नी

चंदामामा, बूढ़ी नानी
साथ में लेकर आए कहानी
सपनों की धरती
सपनों से ख्वाब
सपनों की दुनिया फिर से बनी है

तुम खेलोगे?
देखोगे जादू ?
तो मिन्नी के संग दो आवाज़
काबुलीवाले , काबुलीवाले
तेरी झोली में क्या है....

'एक झोली और ख्वाब अनेक'
होंगे तेरी मुठ्ठी में
आया देखो काबुलीवाला
सरहद के पार से .......